टीकाकरण बच्चों को कई घातक और जानलेवा बीमारियों से बचाने का सबसे कारगर तरीका है। जन्म से लेकर किशोरावस्था तक बच्चों को विभिन्न वैक्सीन की जरूरत होती है,
जो न केवल उन्हें बल्कि पूरे समाज को संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती हैं। लेकिन अभी भी कई माता-पिता को यह स्पष्ट नहीं होता कि किस उम्र में कौन-सा टीका देना जरूरी है।
इस लेख में हम बच्चों के टीकाकरण से जुड़ी पूरी जानकारी, टीका लगवाने का सही समय, फायदे, और आवश्यक सावधानियों को विस्तार से समझाएंगे।

बच्चों को टीकाकरण क्यों जरूरी है?
टीकाकरण बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य की नींव है। यह उन्हें कई जानलेवा और संक्रामक बीमारियों जैसे टीबी, पोलियो, मीज़ल्स, रूबेला और डिप्थीरिया से बचाता है। जन्म से ही बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, और वैक्सीन उसे धीरे-धीरे मजबूत बनाने में मदद करता है।
टीकाकरण से न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा मिलती है, बल्कि यह समाज को भी लाभ पहुंचाता है, जिसे हम हर्ड इम्युनिटी कहते हैं। जब अधिकांश बच्चों को वैक्सीन मिल जाती है, तो बीमारी फैलने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
इसके अलावा, आजकल कई स्कूलों और डे केयर सेंटर्स में टीकाकरण प्रमाण पत्र दाखिले के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि समय पर टीकाकरण से भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है, जिससे मानसिक, शारीरिक और आर्थिक बोझ कम होता है। (बच्चों के लिए टीकाकरण की पूरी जानकारी)
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बच्चों के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित टीकाकरण कार्यक्रम (0 से 15 वर्ष)
भारत सरकार ने बच्चों की बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक सुनियोजित टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunization Program – UIP) लागू किया है। यह कार्यक्रम जन्म से लेकर किशोरावस्था तक के बच्चों को घातक बीमारियों से बचाने के लिए बनाया गया है।
जन्म के समय:
- BCG (टीबी से बचाव)
- OPV-0 (पोलियो का पहला डोज़)
- Hepatitis B – 1st डोज़
6, 10 और 14 सप्ताह:
- DPT (डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनस)
- OPV (पोलियो)
- Hepatitis B – 2nd और 3rd डोज़
- Hib वैक्सीन (Haemophilus influenzae से सुरक्षा)
9 माह:
- MMR (मीज़ल्स, मम्प्स, रूबेला)
- Vitamin A की पहली खुराक
16 से 24 माह:
- DPT और OPV के बूस्टर डोज़
- MMR की दूसरी खुराक
- Vitamin A की अगली खुराक
5 से 6 वर्ष:
- DPT का दूसरा बूस्टर डोज़
10 से 16 वर्ष:
- TT (टेटनस टॉक्सॉइड) वैक्सीन
यह कार्यक्रम सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध है। समय पर टीका लगवाना बच्चों के पूर्ण विकास और भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। (बच्चों के लिए टीकाकरण की पूरी जानकारी)

ज़रूरी वैक्सीन और उनके फायदे
बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए सही समय पर वैक्सीन लेना बहुत जरूरी है। ये टीके कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों से बचाव करते हैं।
BCG वैक्सीन टीबी (तपेदिक) से सुरक्षा प्रदान करता है, जो फेफड़ों और शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित कर सकता है।
OPV/IPV वैक्सीन पोलियो वायरस से बचाव करता है, जो बच्चों में लकवा जैसा स्थायी नुकसान कर सकता है।
MMR वैक्सीन मीज़ल्स, मम्प्स और रूबेला जैसी संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा देता है, जो बच्चों की वृद्धि और विकास को प्रभावित कर सकती हैं।
DPT वैक्सीन डिप्थीरिया, काली खांसी और टेटनस से बचाव करता है, जो सांस लेने और मांसपेशियों में समस्या उत्पन्न कर सकते हैं।
Hepatitis B वैक्सीन लिवर के संक्रमण से बचाव करता है।
Rotavirus Vaccine डायरिया और संबंधित संक्रमण से सुरक्षा करता है, जो बच्चों में निर्जलीकरण का कारण बन सकता है।
Pneumococcal Vaccine फेफड़ों के संक्रमण और निमोनिया से बचाव करता है।
ये सभी टीके बच्चों की जिंदगी को सुरक्षित और स्वस्थ बनाते हैं। (बच्चों के लिए टीकाकरण की पूरी जानकारी)

टीकाकरण से पहले और बाद की सावधानियां
टीकाकरण से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि बच्चे की तबीयत सामान्य हो। यदि बच्चा बीमार हो या तेज बुखार हो तो टीका लगवाने से बचें और डॉक्टर से सलाह लें।
टीका लगवाने के बाद हल्का बुखार, सूजन या लालिमा होना सामान्य प्रतिक्रिया होती है। ऐसे में बच्चे को आराम दें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा ही दें। सूजन पर हल्की बर्फ से सेंक करने से आराम मिलता है।
टीकाकरण के दौरान और बाद में बच्चा अधिक रो सकता है, इसे लेकर घबराएं नहीं। टीकाकरण कार्ड को संभालकर रखें ताकि भविष्य में वैक्सीन की पूरी जानकारी उपलब्ध रहे।
यदि बच्चे को किसी वैक्सीन या किसी अन्य चीज़ से पहले से कोई एलर्जी हो, तो डॉक्टर को इसकी पूरी जानकारी जरूर दें, ताकि सुरक्षित टीकाकरण सुनिश्चित किया जा सके। (बच्चों के लिए टीकाकरण की पूरी जानकारी)

सरकारी और निजी टीकाकरण केंद्रों में अंतर
भारत में बच्चों के टीकाकरण के लिए दो मुख्य विकल्प उपलब्ध हैं: सरकारी केंद्र और निजी क्लिनिक।
सरकारी केंद्रों के अंतर्गत Universal Immunization Program (UIP) के तहत बच्चों को मुफ्त टीकाकरण दिया जाता है। ये केंद्र व्यापक नेटवर्क के साथ काम करते हैं और समय-समय पर बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान भी चलाते हैं, जिससे सभी बच्चों तक वैक्सीन की पहुंच सुनिश्चित होती है।
वहीं, निजी क्लिनिक में वैकल्पिक वैक्सीन और नए संस्करण उपलब्ध होते हैं, जिनका चयन माता-पिता अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार कर सकते हैं। निजी केंद्रों में सुविधा और समय का विकल्प अधिक होता है, लेकिन यह सेवाएं शुल्क आधारित होती हैं।
दोनों सरकारी और निजी केंद्रों में जो वैक्सीन दी जाती हैं, वे WHO द्वारा अनुमोदित और सुरक्षित होती हैं। इसलिए, टीकाकरण के लिए कोई भी विकल्प चुनते समय बच्चे की सुरक्षा और वैक्सीन की गुणवत्ता सबसे महत्वपूर्ण होती है। (बच्चों के लिए टीकाकरण की पूरी जानकारी)
निष्कर्ष
बच्चों के लिए टीकाकरण एक महत्वपूर्ण निवेश है जो उनके भविष्य को सुरक्षित बनाता है। समय पर सभी जरूरी वैक्सीन दिलाना हर माता-पिता की ज़िम्मेदारी है। यह न केवल बच्चों को सुरक्षित करता है, बल्कि समाज को भी बीमारियों के फैलाव से बचाता है। इसलिए जागरूक रहें, टीकाकरण कार्ड को अपडेट रखें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
बच्चों के लिए टीकाकरण की पूरी जानकारी – FAQ
1. बच्चों का पहला टीका कब लगता है?
जन्म के तुरंत बाद, जिसमें BCG, OPV-0 और Hepatitis B शामिल हैं।
2. क्या टीकाकरण के बाद बुखार आना सामान्य है?
हाँ, हल्का बुखार और सूजन सामान्य प्रतिक्रिया है। डॉक्टर से परामर्श लें।
3. क्या प्राइवेट क्लिनिक के वैक्सीन सुरक्षित हैं?
हाँ, यदि वैक्सीन WHO या सरकारी मान्यता प्राप्त हैं तो वे सुरक्षित हैं।
4. टीकाकरण से कौन-कौन सी बीमारियाँ रोकी जा सकती हैं?
पोलियो, टीबी, डिप्थीरिया, मीज़ल्स, हेपेटाइटिस B, रूबेला आदि।
5. अगर कोई टीका छूट जाए तो क्या करें?
जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलें और वैक्सीनेशन शेड्यूल को अपडेट करें।