आज के डिजिटल युग में ज़्यादातर पेशेवर दिनभर कंप्यूटर के सामने बैठे रहते हैं। लगातार बैठने की यह आदत पीठ दर्द, गर्दन में जकड़न और थकान का कारण बनती है।
लेकिन चिंता न करें! सिर्फ 10 मिनट की स्ट्रेचिंग से आप न केवल शरीर को राहत दे सकते हैं बल्कि अपनी कार्यक्षमता भी बढ़ा सकते हैं।
आइए जानें एक आसान और प्रभावी स्ट्रेचिंग रूटीन, जो खासतौर पर डेस्क जॉब वालों के लिए तैयार की गई है। (डेस्क जॉब वालों के लिए 10 मिनट की स्ट्रेचिंग रूटीन)

गर्दन और कंधों के लिए स्ट्रेचेस
डेस्क पर लंबे समय तक बैठने से गर्दन और कंधों में खिंचाव और जकड़न होना आम समस्या है। इसे दूर करने के लिए कुछ आसान स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ अपनाना बेहद फायदेमंद हो सकता है।
1. Neck Rolls (गर्दन घुमाना): सीधे बैठें और धीरे-धीरे अपनी गर्दन को एक गोल घेरे में घुमाएं। पहले घड़ी की दिशा में (clockwise) और फिर उसके विपरीत (anticlockwise)। हर दिशा में 5 बार घुमाएं। यह गर्दन की जकड़न को दूर करता है।
2. Shoulder Shrugs (कंधों को ऊपर-नीचे करना): दोनों कंधों को एक साथ कानों की तरफ खींचें और फिर छोड़ें। ऐसा 10 बार करें। यह तनाव को कम करने में मदद करता है।
3. Shoulder Rolls: कंधों को पहले आगे की दिशा में और फिर पीछे की दिशा में गोल घुमाएं। हर दिशा में 5 बार दोहराएं। इससे रक्त संचार बेहतर होता है।
फायदा: यह सभी स्ट्रेचेस गर्दन और कंधों की अकड़न, जकड़न और तनाव को कम करते हैं। नियमित अभ्यास से सिरदर्द और पीठ दर्द जैसी समस्याएं भी घटती हैं, जिससे कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। (डेस्क जॉब वालों के लिए 10 मिनट की स्ट्रेचिंग रूटीन)
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रीढ़ और पीठ के लिए आसान स्ट्रेच
डेस्क जॉब करने वालों के लिए रीढ़ और पीठ में अकड़न या दर्द बहुत सामान्य शिकायत है। लंबे समय तक एक ही पोज़िशन में बैठना शरीर के पोस्चर को बिगाड़ सकता है, जिससे स्लिप डिस्क और क्रॉनिक पेन की समस्या हो सकती है। नीचे दिए गए दो सरल स्ट्रेचेस आपकी रीढ़ को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करेंगे:
1. Seated Spinal Twist (बैठकर रीढ़ मोड़ना): कुर्सी पर सीधे बैठें। अब धीरे-धीरे अपनी कमर से शरीर को दाईं ओर मोड़ें। दोनों हाथों से कुर्सी के पीछे के हिस्से को पकड़ें और इस पोजीशन को 10 सेकंड तक रखें। फिर बाईं ओर दोहराएं। यह स्ट्रेच रीढ़ की हड्डियों को खोलता है और रक्त संचार बढ़ाता है।
2. Cat-Cow Stretch (बैठकर संस्करण): कुर्सी पर बैठकर अपनी पीठ को गोल (cat pose) करें और ठुड्डी को छाती से लगाएं, फिर पीठ को सीधा करते हुए सिर ऊपर उठाएं (cow pose)। इस प्रक्रिया को 10 बार दोहराएं।
फायदा: ये स्ट्रेचेस रीढ़ की लचीलापन बढ़ाते हैं, पीठ के तनाव को कम करते हैं और लंबे समय तक बैठने से होने वाले दर्द से राहत दिलाते हैं। (डेस्क जॉब वालों के लिए 10 मिनट की स्ट्रेचिंग रूटीन)

हाथों और कलाई के लिए स्ट्रेच
डेस्क पर काम करने वाले लोगों को अक्सर हाथों और कलाई में दर्द, जकड़न या “कार्पल टनल सिंड्रोम” जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लगातार माउस और कीबोर्ड के इस्तेमाल से हाथों की मांसपेशियाँ थक जाती हैं और नसों पर दबाव पड़ता है। नीचे दिए गए दो सरल स्ट्रेच आपको राहत देने में सहायक होंगे:
1. Wrist Rolls (कलाई घुमाना): सीधे बैठें और अपनी दोनों बाहें आगे फैलाएं। अब अपनी कलाई को गोल-गोल घुमाएं – पहले घड़ी की दिशा में (clockwise) और फिर विपरीत दिशा में (anticlockwise)। हर दिशा में 10 बार करें। यह कलाई की जकड़न कम करता है और उसमें लचीलापन बनाए रखता है।
2. Prayer Stretch (प्रार्थना मुद्रा): अपनी दोनों हथेलियों को सीने के पास जोड़ें जैसे नमस्कार करते हैं। अब धीरे-धीरे हाथों को नीचे की ओर दबाएं जब तक आप कलाई और अग्रभाग (forearm) में खिंचाव न महसूस करें। 15 से 20 सेकंड तक रोकें और फिर छोड़ें।
फायदा: ये स्ट्रेच कलाई की नसों पर पड़े दबाव को कम करते हैं, रक्त प्रवाह सुधारते हैं और लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने से होने वाली थकान से राहत देते हैं। (डेस्क जॉब वालों के लिए 10 मिनट की स्ट्रेचिंग रूटीन)

पैरों और जांघों के लिए स्ट्रेच
डेस्क जॉब में लंबे समय तक बैठने से पैरों और जांघों में सुन्नपन, अकड़न और थकान महसूस होना आम बात है। रक्त संचार कम होने से सूजन या मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। ऐसे में पैरों और जांघों के लिए सरल स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज बहुत मददगार साबित होती हैं।
1. Leg Extensions (पैरों को सीधा करना): कुर्सी पर सीधे बैठें। अब एक पैर को धीरे-धीरे सामने की ओर पूरी तरह सीधा करें और 5 सेकंड के लिए वहीं रखें। इसके बाद पैर वापस नीचे करें। इसी तरह दूसरे पैर के साथ दोहराएं। इसे 10 से 12 बार करें। यह स्ट्रेच जांघ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और उनकी लचीलापन बढ़ाता है।
2. Ankle Rolls (टखनों को घुमाना): पैरों को थोड़ा उठाकर टखनों को गोल-गोल घुमाएं। पहले क्लॉकवाइज और फिर एंटी-क्लॉकवाइज दिशा में 10 से 10 बार करें। यह टखनों की जकड़न दूर करता है और रक्त संचार बेहतर बनाता है।
फायदा: ये एक्सरसाइज पैरों में रक्त प्रवाह को बढ़ाकर सूजन, सुन्नपन और थकान की समस्या से बचाती हैं। साथ ही, लंबे समय तक बैठने वाले लोगों के लिए यह मांसपेशियों को एक्टिव रखती हैं और वर्किंग परफॉर्मेंस को बढ़ाती हैं। (डेस्क जॉब वालों के लिए 10 मिनट की स्ट्रेचिंग रूटीन)

इस 10 मिनट रूटीन को कब और कैसे करें?
डेस्क जॉब या वर्क फ्रॉम होम के दौरान लगातार बैठकर काम करना शरीर पर भारी प्रभाव डाल सकता है। इसलिए हर 2 से 3 घंटे के बाद 10 मिनट का ब्रेक लेना बेहद जरूरी है। इस ब्रेक के दौरान आप यह स्ट्रेचिंग रूटीन कर सकते हैं, जिससे आपकी मांसपेशियाँ सक्रिय रहती हैं और थकान दूर होती है।
कैसे करें: स्ट्रेचिंग करते समय धीरे-धीरे और नियंत्रित गति से गहरी सांस लें। अचानक या तेज़ झटके देने से बचें ताकि मांसपेशियों को चोट न पहुंचे। हर स्ट्रेच को कम से कम 15 से 20 सेकंड तक बनाएं रखें, जिससे मांसपेशियाँ सही तरीके से फैल सकें।
कहां करें: यह रूटीन ऑफिस या घर दोनों जगह आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए किसी विशेष जगह की जरूरत नहीं है, बस कुर्सी और थोड़ा खुला स्थान पर्याप्त है। आप चाहे तो अपनी डेस्क के पास खड़े होकर या कुर्सी पर बैठकर भी इसे कर सकते हैं।
लाभ: नियमित रूप से इस रूटीन को अपनाने से गर्दन, कंधे, रीढ़, हाथ और पैरों की जकड़न दूर होती है, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और मानसिक तनाव भी कम होता है। इससे आपकी कार्यक्षमता और फोकस दोनों बढ़ते हैं। (डेस्क जॉब वालों के लिए 10 मिनट की स्ट्रेचिंग रूटीन)
निष्कर्ष:
डेस्क जॉब में लंबे समय तक बैठना हमारी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे गर्दन, कंधे, पीठ और हाथ-पैरों में दर्द और जकड़न हो जाती है। लेकिन यदि आप नियमित रूप से इस 10 मिनट की स्ट्रेचिंग रूटीन को अपनाएं, तो इससे आपके शरीर की लचीलापन बढ़ेगी, रक्त संचार बेहतर होगा और मानसिक तनाव कम होगा। यह रूटीन सरल और प्रभावी है, जिसे कोई भी वर्किंग प्रोफेशनल आसानी से अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकता है। थोड़ा सा समय देकर आप अपनी सेहत को स्वस्थ, ऊर्जावान और सक्रिय बनाए रख सकते हैं।
डेस्क जॉब वालों के लिए 10 मिनट की स्ट्रेचिंग रूटीन – FAQ
1. क्या स्ट्रेचिंग से वजन कम होता है?
स्ट्रेचिंग सीधे वजन कम नहीं करती, लेकिन यह मेटाबॉलिज़्म को एक्टिव करती है जो वेट लॉस में सहायक हो सकती है।
2. क्या यह रूटीन ऑफिस में भी कर सकते हैं?
हां, यह रूटीन खासतौर पर ऑफिस डेस्क पर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
3. क्या इसे रोज़ाना करना ज़रूरी है?
रोज़ाना करें तो बेहतर, लेकिन सप्ताह में कम से कम 4 से 5 बार करना फायदेमंद होगा।