1 से 3 साल की उम्र शारीरिक और मानसिक विकास की सबसे महत्वपूर्ण अवस्था होती है। इस उम्र में सही पोषण न केवल बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाता है,
बल्कि उसे ऊर्जावान और सक्रिय बनाए रखता है। लेकिन कई माता-पिता इस बात को लेकर उलझन में रहते हैं कि बच्चों को कब, क्या और कितना खिलाएं।
इस लेख में हम एक संतुलित डाइट चार्ट साझा कर रहे हैं जो आपके बच्चे की पोषण संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने में सहायक होगा।

इस उम्र के बच्चों की पोषण संबंधी आवश्यकताएं
1 से 3 साल की उम्र बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास की नींव होती है। इस उम्र में उन्हें संतुलित आहार की बेहद ज़रूरत होती है, क्योंकि इसी समय मांसपेशियों, हड्डियों और दिमाग का विकास तेजी से होता है। आइए जानते हैं कि इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए कौन-कौन से पोषक तत्व जरूरी हैं:
प्रोटीन – विकास की ईंटें
प्रोटीन शरीर में नई कोशिकाएं बनाने, मांसपेशियों को मजबूत करने और इम्यून सिस्टम को एक्टिव रखने के लिए ज़रूरी होता है।
स्रोत: दालें, पनीर, दूध, अंडा, सोया और दही।
कैल्शियम – हड्डियों और दांतों के लिए
तेज़ी से बढ़ती हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है।
स्रोत: दूध, दही, पनीर, रागी और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां।
आयरन – खून और ऊर्जा के लिए
आयरन की कमी से बच्चों में एनीमिया (खून की कमी) हो सकती है, जिससे थकान और चिड़चिड़ापन बढ़ता है।
स्रोत: मूंगफली, चुकंदर, हरी सब्ज़ियाँ, अनार, खजूर।
विटामिन D – कैल्शियम के साथ साथी
विटामिन D कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है और हड्डियों को मज़बूत बनाता है।
स्रोत: सुबह की हल्की धूप, फोर्टिफाइड दूध, अंडे की ज़र्दी।
इम्यून सिस्टम मजबूत करने वाले पोषक तत्व
बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखना ज़रूरी है ताकि वे संक्रमणों से सुरक्षित रहें।
जरूरी तत्व: विटामिन C, जिंक, प्रीबायोटिक्स
स्रोत: आंवला, संतरा, दही, टमाटर, कद्दू के बीज।
दिमागी विकास के लिए ज़रूरी फैटी एसिड्स
दिमाग की कोशिकाएं ओमेगा‑3 और ओमेगा‑6 फैटी एसिड्स से बनती हैं, जो बच्चों के सोचने, समझने और बोलने की क्षमता को बेहतर बनाते हैं।
स्रोत: अलसी के बीज, अखरोट, देसी घी, मछली (यदि नॉन-वेज हो)। (1 से 3 साल के बच्चों के लिए डाइट चार्ट हिंदी में)
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1 से 3 साल के बच्चों के लिए आदर्श डेली मील टाइमटेबल
1 से 3 साल के बच्चों को दिनभर में छोटे-छोटे लेकिन पोषणयुक्त भोजन की आवश्यकता होती है। नीचे दिया गया मील टाइमटेबल उनके शारीरिक विकास और इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद करता है:
सुबह का नाश्ता (8:00 से 9:00 AM)
दिन की शुरुआत एनर्जी से भरपूर नाश्ते से होनी चाहिए।
उदाहरण:
- सूजी उपमा
- दूध के साथ ओट्स या दलिया
- केला या पका हुआ सेब
मिड-मॉर्निंग स्नैक (11:00 से 11:30 AM)
हल्का और सुपाच्य स्नैक ताकि दोपहर तक भूख बनी रहे।
उदाहरण:
- दही या लस्सी
- फलों का छोटा कटोरा (पपीता, तरबूज)
- बिस्कुट + दूध
दोपहर का भोजन (1:00 से 2:00 PM)
यह दिन का मुख्य भोजन होता है, जिसमें प्रोटीन, कार्ब्स और सब्जियाँ होनी चाहिए।
उदाहरण:
- मूंग दाल + चावल + घी
- रोटी + आलू या लौकी की सब्जी
- दही
शाम का नाश्ता (4:30 से 5:00 PM)
खेलने के बाद भूख लगती है, तब हल्का स्नैक देना जरूरी है।
उदाहरण:
- उबला हुआ अंडा (यदि गैर-शाकाहारी)
- फ्रूट स्मूदी
- पोहा या पनीर टोस्ट
रात का खाना (7:30 से 8:00 PM)
हल्का, सुपाच्य और जल्दी पचने वाला खाना देना चाहिए।
उदाहरण:
- वेज खिचड़ी
- रोटी + सब्ज़ी
- दूध के साथ रागी का दलिया
दूध / ब्रेस्टफीड (जहां आवश्यक हो, सोने से पहले)
रात को सोने से पहले हल्का गर्म दूध बच्चे को आरामदायक नींद में मदद करता है। ब्रेस्टफीड करने वाले बच्चों के लिए यह और भी लाभदायक होता है।
यह टाइमटेबल लचीला है और हर बच्चे की भूख और आदत के अनुसार इसमें बदलाव किया जा सकता है। यदि बच्चा किसी खाद्य पदार्थ से परहेज करता है, तो उसी पोषक तत्व का दूसरा विकल्प दें। (1 से 3 साल के बच्चों के लिए डाइट चार्ट हिंदी में)

हफ्ते भर का डाइट चार्ट (सोमवार से रविवार)
दिन | सुबह | दोपहर | रात | स्नैक्स |
---|---|---|---|---|
सोमवार | दूध + सूजी उपमा | दाल-चावल + मिक्स सब्ज़ी | मूंग दाल खिचड़ी + घी | केला स्लाइस |
मंगलवार | ओट्स खिचड़ी + दही | रोटी + पनीर की भुजिया | वेज पुलाव + दही | सेब क्यूब्स |
बुधवार | रागी दलिया | मसूर दाल + चपाती + पालक | दालिया + सब्ज़ी | उबले आलू के कटलेट (कम तेल में) |
गुरुवार | अंडा भुर्जी + ब्रेड (अगर एलर्जी न हो) | तुअर दाल + चावल + गाजर | सब्ज़ी रोटी रोल | पपीता |
शुक्रवार | बेसन का चीला + टोमैटो चटनी | मूंग दाल खिचड़ी + दही | रोटी + लौकी की सब्जी | उबले चने |
शनिवार | आलू पराठा (कम घी में) + दही | वेज पुलाव + बूंदी रायता | चपाती + मिक्स वेज | आम या सीज़नल फ्रूट |
रविवार | पोहा + मूंगफली | कढ़ी-चावल + भुनी सब्ज़ी | हल्की खिचड़ी + पनीर क्यूब्स | सूखे मेवे का पाउडर दूध में |
टिप्स:
- हर भोजन के साथ 1 से 2 चम्मच घी/तेल ज़रूरी होता है (फैट्स के लिए)।
- स्नैक्स को हल्का रखें लेकिन एनर्जी से भरपूर।
- सभी सब्ज़ियाँ और फल मौसमी व ताज़ा हों।
- यदि बच्चा दूध नहीं पीता, तो दही, पनीर आदि से कैल्शियम दें। (1 से 3 साल के बच्चों के लिए डाइट चार्ट हिंदी में)

बच्चों के लिए टॉप 10 पौष्टिक खाद्य पदार्थ
1 से 3 साल की उम्र में बच्चों को सही पोषण देना बेहद ज़रूरी होता है। नीचे दिए गए 10 खाद्य पदार्थ न केवल पोषण से भरपूर हैं बल्कि बच्चों की स्वाद पसंद के अनुकूल भी होते हैं। (1 से 3 साल के बच्चों के लिए डाइट चार्ट हिंदी में)
1. घी
घी ऊर्जा का एक बेहतरीन स्रोत है और यह बच्चों के मस्तिष्क व हड्डियों के विकास में मदद करता है। दिन में 1–2 चम्मच देसी घी भोजन में मिलाकर दिया जा सकता है।
2. केला
केला फाइबर, पोटैशियम और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है। यह पाचन में सहायक है और बच्चों को तुरंत एनर्जी देता है।
3. दलिया
दलिया यानी ओट्स फाइबर और आयरन का अच्छा स्रोत है। इसे दूध, सब्जियों या घी के साथ स्वादानुसार तैयार किया जा सकता है।
4. हरी सब्जियां
पालक, मेथी, लौकी, गाजर जैसी सब्जियां आयरन, कैल्शियम और विटामिन A से भरपूर होती हैं। इन्हें खिचड़ी, पराठा या सूप में शामिल करें।
5. दालें
मूंग, मसूर, तुअर जैसी दालें प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स देती हैं। दाल-चावल या दाल-सूप बच्चों को आसानी से पचता है।
6. पनीर
पनीर कैल्शियम, प्रोटीन और फैट का अच्छा स्रोत है। यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और स्वाद में भी पसंदीदा होता है।
7. अंडा (यदि शाकाहारी नहीं)
अंडा प्रोटीन, विटामिन D और बी12 से भरपूर होता है। अच्छी तरह उबला हुआ अंडा या भुर्जी बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है।
8. रागी (Nachni)
रागी में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, आयरन और फाइबर होता है। इसे खीर, पोरिज या डोसा के रूप में दिया जा सकता है।
9. छाछ / दही
दही और छाछ प्रोबायोटिक होते हैं जो पाचन को सुधारते हैं। गर्मियों में यह बच्चों को ठंडक भी देता है।
10. मौसमी फल
संतरा, पपीता, सेब, आम जैसे फल विटामिन्स, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। इन्हें स्नैक्स या सुबह के नाश्ते में शामिल करें।
सुझाव:
हर बच्चे की पसंद अलग होती है, इसलिए शुरुआत में छोटे-छोटे हिस्सों में इन खाद्य पदार्थों को पेश करें। धीरे-धीरे बच्चा नए स्वादों का आदी हो जाएगा। (1 से 3 साल के बच्चों के लिए डाइट चार्ट हिंदी में)

किन चीजों से बचना चाहिए इस उम्र में?
1 से 3 साल के बच्चों का पाचन तंत्र अभी पूरी तरह विकसित नहीं होता, और उनका शरीर छोटे बदलावों से भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जिन्हें इस उम्र में देने से बचना चाहिए: (1 से 3 साल के बच्चों के लिए डाइट चार्ट हिंदी में)
1. प्रोसेस्ड फूड (Processed Foods)
मैगी, पैकेज्ड स्नैक्स, नमकीन, बिस्किट, चिप्स आदि में अत्यधिक नमक, प्रिज़र्वेटिव और आर्टिफिशियल फ्लेवर होते हैं जो बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बुरा असर: मोटापा, पाचन समस्या, इम्यूनिटी में कमी।
2. बहुत मीठा या नमकीन खाना
अधिक मिठास या नमक बच्चों की स्वाद ग्रंथियों को बिगाड़ सकता है और भविष्य में असंतुलित खाने की आदतें बना सकता है।
उदाहरण: ज़्यादा शक्कर वाले बिस्किट, नमकीन मठरी, जैम, मीठी चॉकलेट्स।
बुरा असर: दांतों की सड़न, मोटापा, खाने में चिड़चिड़ापन।
3. कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा और चॉकलेट्स
इनमें कैफीन, कार्बोनेटेड पानी और उच्च मात्रा में शक्कर होती है, जो छोटे बच्चों के लिए ज़हर समान होती है।
बुरा असर: गैस, हाइपर एक्टिविटी, भूख में कमी।
4. शहद (Honey) — 1 साल से पहले बिल्कुल न दें
1 साल से कम उम्र के बच्चों को शहद देना खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसमें बोटुलिज़्म (botulism) नामक गंभीर बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया हो सकते हैं।
नियम: शहद सिर्फ 12 महीने के बाद, वो भी सीमित मात्रा में दें।
अतिरिक्त सावधानियाँ:
- नमक की मात्रा सीमित रखें: 1 से 3 साल के बच्चों को दिनभर में 1 ग्राम से अधिक नमक नहीं देना चाहिए।
- फ्रूट जूस से ज़्यादा फल दें: जूस की जगह ताजे फल ज्यादा फायदेमंद होते हैं क्योंकि उनमें फाइबर होता है।
- मसालेदार/तीखा खाना टालें: यह उनके नाजुक पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।
सुझाव: बच्चों के स्वाद को धीरे-धीरे प्राकृतिक चीज़ों की ओर मोड़ें। शुरुआत में मीठे या नमकीन से परहेज़ कराएं, ताकि वे फलों और सब्ज़ियों का स्वाद पसंद करना सीखें। (1 से 3 साल के बच्चों के लिए डाइट चार्ट हिंदी में)

डाइट प्लान को सफल बनाने के टिप्स
बच्चों का खानपान केवल पोषण से नहीं, बल्कि धैर्य, रचनात्मकता और समझदारी से जुड़ा होता है। अगर आप चाहते हैं कि डाइट चार्ट केवल कागज़ पर न रहे, बल्कि आपके बच्चे की थाली तक पहुँचे — तो नीचे दिए गए सुझाव आपकी मदद करेंगे: (1 से 3 साल के बच्चों के लिए डाइट चार्ट हिंदी में)
1. धीरे-धीरे नए फूड इंट्रोड्यूस करें
हर नया खाना एकदम से न दें। शुरुआत में थोड़ा-थोड़ा दें और देखें कि बच्चे की प्रतिक्रिया कैसी है।
उदाहरण: पहले दिन 1 चम्मच रागी खीर, फिर अगले दिन 2 चम्मच।
इससे एलर्जी की संभावना भी पता चलती है।
2. बच्चा अगर खाना नहीं चाहता, तो ज़ोर न डालें
जबरदस्ती खाना खिलाना बच्चे में खाने से डर या नफ़रत पैदा कर सकता है।
सुझाव: थोड़ा ब्रेक लें, फिर दोबारा हल्के अंदाज़ में कोशिश करें।
भोजन को खेल या कहानी के ज़रिए भी आकर्षक बनाया जा सकता है।
3. एक रंगीन थाली बनाएं जिससे बच्चा उत्साहित हो
बच्चों को रंग और आकर आकर्षित करते हैं। आप सब्ज़ियों और फलों से थाली को रंगीन बना सकते हैं।
उदाहरण: गाजर (नारंगी), मटर (हरा), दही (सफेद), चुकंदर (गुलाबी)।
इससे उनका पोषण भी संतुलित होगा और खाने में रुचि भी बढ़ेगी।
4. भोजन के साथ पानी देना न भूलें
खाना खिलाते समय बच्चों को घूंट-घूंट पानी पिलाते रहें, ताकि पाचन अच्छा हो और कब्ज की समस्या न हो।
ध्यान दें: दूध के साथ पानी देने की जरूरत नहीं, पर ठोस भोजन के साथ अवश्य दें।
सादा गुनगुना पानी सर्वोत्तम रहता है।
अतिरिक्त सुझाव:
- खाना खिलाते समय टीवी या मोबाइल से बचें
- रोज़ एक निश्चित समय पर भोजन देने की आदत डालें
- कभी-कभी बच्चे को साथ बैठाकर परिवार के साथ खिलाएं, इससे वह दूसरों को देखकर सीखता है
- एक खाने की डायरी बनाएं जिसमें आप नोट करें कि बच्चे को क्या पसंद है और क्या नहीं
याद रखें: बच्चे के स्वाद और आदतें धीरे-धीरे बनती हैं। डाइट प्लान में लचीलापन रखें लेकिन पोषण से समझौता न करें। (1 से 3 साल के बच्चों के लिए डाइट चार्ट हिंदी में)

आम गलतियाँ जो माता-पिता करते हैं
बच्चों के शुरुआती सालों में पोषण को लेकर माता-पिता बहुत प्रयास करते हैं, लेकिन कई बार कुछ आम और अनजाने में की गई गलतियाँ बच्चे की सेहत को प्रभावित कर सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही 3 प्रमुख गलतियाँ: (1 से 3 साल के बच्चों के लिए डाइट चार्ट हिंदी में)
1. सिर्फ दूध पर निर्भर रहना
अक्सर माता-पिता सोचते हैं कि दूध ही संपूर्ण आहार है, लेकिन 1 साल के बाद केवल दूध बच्चे की पोषण ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकता।
क्यों यह गलती है:
- दूध में आयरन नहीं होता — इससे एनीमिया हो सकता है।
- केवल दूध से पेट भर जाता है और बच्चा ठोस आहार नहीं लेता।
सुझाव: दिन में 400 से 500ml से ज़्यादा दूध न दें और ठोस आहार प्राथमिकता में रखें।
2. बच्चे को TV देखते हुए खाना खिलाना
टीवी या मोबाइल की मदद से बच्चा खाना तो खा लेता है, लेकिन यह आदत आगे चलकर गंभीर समस्याओं को जन्म देती है।
बुरा असर:
- बच्चा खाना ‘समझकर’ नहीं खाता, केवल निगलता है।
- खाने की मात्रा और भूख की समझ खत्म हो जाती है।
- भविष्य में ओवरईटिंग और मोटापे की समस्या हो सकती है।
सुझाव: शांत वातावरण में, बातचीत करते हुए बच्चे को खाना दें। उसे खाने में शामिल करें।
3. पोषण से ज़्यादा मात्रा पर ज़ोर देना
कई माता-पिता यह सोचते हैं कि बच्चा जितना ज़्यादा खाएगा, उतना स्वस्थ रहेगा — लेकिन यह जरूरी नहीं।
गलती का परिणाम:
- जबरदस्ती खिलाना खाने से चिढ़ पैदा कर सकता है।
- बच्चा अपने शरीर के संकेत (भूख/तृप्ति) को पहचानना बंद कर देता है।
सुझाव:
- गुणवत्ता (quality) पर ध्यान दें, न कि केवल मात्रा पर।
- जब बच्चा भूखा न हो, तब उसे न खिलाएं — सिर्फ टाइम देखकर नहीं।
याद रखें:
बच्चे का पेट छोटा है — उसे भरने के लिए ज़रूरी है कि हर निवाला पोषक हो। (1 से 3 साल के बच्चों के लिए डाइट चार्ट हिंदी में)
निष्कर्ष:
बच्चों का पोषण एक सतत प्रक्रिया है जिसे धैर्य, समझ और प्यार के साथ अपनाना चाहिए। यह डाइट चार्ट आपको एक दिशा देगा, लेकिन हर बच्चा अलग होता है—इसलिए ज़रूरत के अनुसार संशोधन करते रहें। डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से परामर्श लेना भी ज़रूरी है, विशेष रूप से यदि बच्चा बहुत कमज़ोर या बीमार रहता है।
1 से 3 साल के बच्चों के लिए डाइट चार्ट हिंदी में – FAQs:
1. क्या 1 साल के बच्चे को अंडा दिया जा सकता है?
हाँ, अगर एलर्जी नहीं है तो अच्छी तरह उबला हुआ अंडा दिया जा सकता है।
2. बच्चे को कितना दूध देना चाहिए रोज़?
लगभग 400–500 ml प्रतिदिन पर्याप्त होता है।
3. अगर बच्चा खाना न खाए तो क्या करें?
बच्चे को जबरदस्ती न खिलाएं, अलग-अलग स्वाद और रंग वाले फूड्स ट्राय करें।