टीकाकरण (Vaccination) न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य बल्कि सामूहिक रोग नियंत्रण के लिए भी बेहद ज़रूरी है। बदलते वायरस, सरकार की नई योजनाएँ और शोध आधारित अपडेट्स को जानना हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है।
2025 में भारत में कई नई वैक्सीन अपडेट्स, बूस्टर डोज़ की सिफारिशें और डिजिटल प्रमाण पत्र प्रणाली को लेकर बदलाव हुए हैं। आइए जानते हैं कि आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

भारत में टीकाकरण की वर्तमान स्थिति – 2025 की तस्वीर
2025 तक भारत में टीकाकरण व्यवस्था और भी सुदृढ़ हो गई है। कोविड-19 बूस्टर डोज़ अब केवल 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों, गर्भवती महिलाओं, और क्रॉनिक बीमारियों से ग्रस्त लोगों को प्राथमिकता के आधार पर दी जा रही है।
MMR (मिज़ल्स, मम्प्स, रूबेला), पोलियो, और BCG जैसे बचपन के टीकों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत सुचारू रूप से जारी हैं।
WHO और ICMR ने हाल ही में कुछ नई वैक्सीन जैसे HPV (लड़कियों के लिए) और RSV (शिशुओं के लिए) को स्वीकृति दी है, जिन्हें राज्य स्तर पर चरणबद्ध रूप से लागू किया जा रहा है।
हालांकि, राज्यवार कवरेज में अब भी अंतर देखा जा रहा है – कुछ राज्य 90% से अधिक कवरेज पर हैं जबकि कुछ पिछड़े क्षेत्रों में यह 70% से भी कम है। यह अंतर स्वास्थ्य नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बना हुआ है।
Read Also: कैंसर की पहचान समय रहते कैसे करें: शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें

नवीनतम टीकाकरण शेड्यूल और आयु-वार गाइड
भारत में टीकाकरण कार्यक्रम उम्र के अनुसार तैयार किया गया है ताकि हर जीवन चरण में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहे।
नवजात शिशु को जन्म के समय ही BCG, हेपाटाइटिस B और ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) दी जाती है। यह शुरुआती सुरक्षा के लिए जरूरी हैं।
6 हफ्ते से 18 महीने की उम्र तक बच्चों को Pentavalent (डिप्थीरिया, टेटनस, पर्टुसिस, हेप-बी, Hib), Rotavirus, IPV, और MMR जैसी वैक्सीन दी जाती हैं।
किशोरावस्था में, खासकर लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन और सभी किशोरों के लिए TD वैक्सीन दी जाती है।
वयस्कों को हर साल फ्लू शॉट, 10 साल में एक बार टेटनस, और ज़रूरत अनुसार कोविड बूस्टर लगवाना चाहिए।
नोट: वैक्सीनेशन शेड्यूल समय-समय पर अपडेट होते हैं, इसलिए सरकारी स्वास्थ्य पोर्टल पर जानकारी नियमित रूप से चेक करें। (टीकाकरण से संबंधित नवीनतम अपडेट्स)

COWIN 2.0 और डिजिटल टीकाकरण प्रमाण पत्र
COWIN 2.0 प्लेटफॉर्म को 2025 में और अधिक सुविधाजनक और समावेशी बनाया गया है। अब उपयोगकर्ता केवल वयस्क ही नहीं, बल्कि बच्चों के टीकाकरण डेटा भी अपने प्रोफ़ाइल में जोड़ सकते हैं। इससे माता-पिता को बच्चों की वैक्सीन हिस्ट्री ट्रैक करना आसान हो गया है।
COWIN से जारी होने वाले QR कोड युक्त डिजिटल टीकाकरण सर्टिफिकेट को अब DigiLocker, Aarogya Setu और अन्य डिजिटल डॉक्युमेंट प्लेटफॉर्म्स से लिंक किया जा सकता है। इससे प्रमाण पत्र की सुरक्षा और उपलब्धता दोनों बनी रहती है।
उन इलाकों के लिए जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी सीमित है, SMS आधारित वैक्सीनेशन स्टेटस चेक करने की सुविधा शुरू की गई है। यूज़र रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से एक कोड भेजकर स्टेटस प्राप्त कर सकते हैं।
यह पहल भारत को पूरी तरह से डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड सिस्टम की ओर ले जा रही है। (टीकाकरण से संबंधित नवीनतम अपडेट्स)

बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण अपडेट्स
2025 में मातृ और बाल स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने टीकाकरण कार्यक्रम में कुछ अहम बदलाव किए हैं। गर्भवती महिलाओं को अब नियमित रूप से TDAP वैक्सीन (टेटनस, डिप्थीरिया और पर्टुसिस) दी जा रही है, जिससे मां और नवजात दोनों को संक्रमण से सुरक्षा मिलती है। इसके साथ ही फ्लू वैक्सीन की भी सिफारिश की गई है, खासकर फ्लू सीज़न के दौरान।
9 से 14 वर्ष की लड़कियों के लिए HPV वैक्सीन (Human Papillomavirus) अब राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर ली गई है, जिससे सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम किया जा सके।
बच्चों के लिए मिज़ल्स-रुबेला बूस्टर की नई समय-सारणी जारी की गई है, जिसमें बूस्टर डोज़ 15 से 18 महीने और फिर 5 साल की उम्र पर दी जा रही है।
ये सभी वैक्सीन नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध हैं। (टीकाकरण से संबंधित नवीनतम अपडेट्स)

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए टीकाकरण गाइडलाइन
यदि आप विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो टीकाकरण आवश्यकताओं की जानकारी पहले से लेना बेहद जरूरी है। Hajj, उमराह, या अफ्रीकी देशों (जैसे नाइजीरिया, घाना आदि) की यात्रा पर जाने वालों के लिए Yellow Fever वैक्सीन अनिवार्य है। बिना इसका प्रमाण पत्र दिखाए आपको कई देशों में एंट्री नहीं मिलेगी।
यूरोप, अमेरिका और खाड़ी देशों की यात्रा के लिए कोविड-19 टीकाकरण, फ्लू शॉट, और MMR (Measles, Mumps, Rubella) की डोज़ की पुष्टि ज़रूरी मानी जाती है। कुछ देशों में एंट्री से पहले ये वैक्सीन प्रमाणपत्र चेक किए जाते हैं।
अब CoWIN या DigiLocker से जारी QR कोड युक्त डिजिटल सर्टिफिकेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है, जिससे इमिग्रेशन प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होती है।
सभी टीकाकरण संबंधित नियम देश-विशेष होते हैं, इसलिए यात्रा से पहले दूतावास की वेबसाइट से जांच अवश्य करें। (टीकाकरण से संबंधित नवीनतम अपडेट्स)

टीकाकरण से जुड़ी अफवाहें और सच्चाई
भारत में टीकाकरण को लेकर कई गलत धारणाएँ और अफवाहें फैली हुई हैं, जो लोगों को भ्रमित कर सकती हैं। आइए कुछ प्रमुख अफवाहों और उनके पीछे की सच्चाई को समझते हैं:
अफवाह: “वैक्सीन से बांझपन होता है”
सच: WHO, ICMR और अन्य प्रमुख संस्थानों ने इस दावे को पूरी तरह खारिज किया है। अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित करे कि वैक्सीन का बांझपन से कोई संबंध है।
अफवाह: “बूस्टर डोज़ से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है”
सच: बूस्टर डोज़ के बाद बहुत ही दुर्लभ मामलों में हल्के साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं, लेकिन हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थितियों का जोखिम वास्तविक वायरस से कहीं ज़्यादा होता है।
अफवाह: “प्राकृतिक इम्युनिटी ही पर्याप्त है”
सच: विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन के साथ यदि प्राकृतिक इम्युनिटी भी हो, तो यह हाइब्रिड इम्युनिटी कहलाती है, जो अधिक सुरक्षित और प्रभावी होती है। (टीकाकरण से संबंधित नवीनतम अपडेट्स)
निष्कर्ष
टीकाकरण केवल एक मेडिकल प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक सामाजिक सुरक्षा कवच है। 2025 में भारत सरकार और हेल्थ एजेंसियों द्वारा टीकाकरण से जुड़ी सुविधाओं को और अधिक पारदर्शी और डिजिटल बनाया गया है। यह आवश्यक है कि आप समय पर जानकारी लें, वैक्सीन लगवाएं और अपने परिवार को सुरक्षित रखें।
टीकाकरण से संबंधित नवीनतम अपडेट्स – FAQ
1. क्या 2025 में कोविड बूस्टर अनिवार्य है?
60+ और इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड व्यक्तियों के लिए अनुशंसित है।
2. क्या CoWIN ऐप अब भी काम करता है?
हाँ, CoWIN 2.0 में नए फीचर्स जोड़े गए हैं।
3. क्या बच्चे का स्कूल एडमिशन वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के बिना हो सकता है?
कई स्कूल अब अनिवार्य वैक्सीनेशन रिपोर्ट माँगते हैं, खासकर MMR के लिए।