बच्चों की खाँसी का घरेलू इलाज 7 आज़माए हुए देसी नुस्खे जो तुरंत राहत दें

बच्चों को जब खाँसी होती है, तो माता-पिता सबसे पहले सुरक्षित और प्राकृतिक इलाज की तलाश में लग जाते हैं। एलोपैथिक दवाइयाँ हर बार बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं होतीं, खासकर जब बात हल्की या सामान्य खाँसी की हो। ऐसे में घरेलू नुस्खे सबसे बेहतर विकल्प साबित होते हैं।

इस लेख में हम जानेंगे बच्चों की खाँसी का घरेलू इलाज क्या है? ऐसे देसी उपाय जो आपके बच्चे को जल्दी राहत देंगे, बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के।

बच्चों की खाँसी का घरेलू इलाज क्या है?

बच्चों में खाँसी के कारण क्या हो सकते हैं?

बच्चों में खाँसी होना आम बात है, लेकिन इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे सामान्य वजह वायरल इंफेक्शन या सर्दी-जुकाम होती है, जो मौसम बदलने पर अधिक देखने को मिलती है। धूल, धुआं, या पराग जैसी एलर्जी भी बच्चों को बार-बार खाँसी का शिकार बना सकती है।

कभी-कभी सूखा गला या गले की खराश के कारण भी खाँसी होती है, खासकर जब पानी कम पिया गया हो। कुछ मामलों में पेट में कीड़े या अमाशय संबंधी समस्याएँ भी खाँसी का कारण बन सकती हैं। इन सभी कारणों की पहचान कर सही उपचार करना ज़रूरी होता है।

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बच्चों की खाँसी का घरेलू इलाज क्या है?

बच्चों की खाँसी के लिए 7 असरदार घरेलू नुस्खे

खाँसी से परेशान बच्चों को राहत देने के लिए घरेलू उपाय बेहद कारगर होते हैं। सबसे पहले, अदरक और तुलसी का काढ़ा गले की खराश और बलगम को साफ करने में मदद करता है।

1 साल से ऊपर के बच्चों के लिए शहद और हल्दी का मिश्रण प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

नारियल तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से छाती की जकड़न में आराम मिलता है।

भुना हुआ अजवाइन थोड़ा-थोड़ा खिलाने से गैस और खाँसी दोनों में राहत मिलती है।

नीलगिरी के तेल के साथ स्टीम देना बलगम को बाहर निकालने में सहायक होता है।

बड़े बच्चों को गुनगुने पानी और नमक से गरारे कराना गले को साफ रखता है।

और अंत में, 3 साल से ऊपर के बच्चों को हल्दी वाला दूध रात में देना इम्युनिटी को मज़बूत बनाता है और खाँसी जल्दी ठीक करता है।

ये सभी उपाय सुरक्षित और प्रभावी हैं यदि सही तरीके से किए जाएं।

बच्चों की खाँसी का घरेलू इलाज क्या है?

किन घरेलू उपायों से बचना चाहिए?

हालाँकि घरेलू नुस्खे सामान्यत: सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन बच्चों के मामले में कुछ सावधानियाँ बेहद ज़रूरी हैं। 1 साल से कम उम्र के बच्चों को शहद बिल्कुल नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे बोटुलिज़्म नामक गंभीर संक्रमण का खतरा हो सकता है।

बहुत तीखे, मसालेदार या अधिक गर्म घरेलू नुस्खे बच्चों की नाज़ुक पाचन प्रणाली को नुकसान पहुँचा सकते हैं। कई माता-पिता बिना विशेषज्ञ की सलाह लिए घरेलू औषधियाँ या जड़ी-बूटियाँ मिलाना शुरू कर देते हैं, जो बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होता।

किसी भी उपाय का अत्यधिक सेवन नुकसानदेह हो सकता है, इसलिए मात्रा हमेशा उम्र और ज़रूरत के अनुसार सीमित रखें। घरेलू उपचार अपनाते समय संयम और समझदारी आवश्यक है, क्योंकि हर उपाय हर बच्चे पर एक जैसा असर नहीं करता।

यदि स्थिति गंभीर हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ही सबसे बेहतर विकल्प होता है।

बच्चों की खाँसी का घरेलू इलाज क्या है?

कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?

घरेलू उपाय छोटे-मोटे लक्षणों के लिए उपयोगी होते हैं, लेकिन यदि बच्चा लंबे समय तक खाँसी से परेशान है, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी हो जाता है।

अगर खाँसी सात दिन से अधिक समय तक बनी रहे, या खाँसी के साथ तेज़ बुखार और साँस लेने में तकलीफ़ हो रही हो, तो ये किसी गंभीर संक्रमण के संकेत हो सकते हैं। यदि सीने में जकड़न या घरघराहट की आवाज़ आ रही हो, तो फेफड़ों की जांच करवाना ज़रूरी हो जाता है।

इसके अलावा, अगर बच्चा खाना-पीना पूरी तरह बंद कर दे या हमेशा थका-थका और सुस्त दिखाई दे, तो यह कमजोरी या अन्य अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकता है।

छोटे बच्चों की इम्युनिटी कमज़ोर होती है, इसलिए कोई भी लक्षण गंभीर रूप ले इससे पहले प्राथमिक चिकित्सा सलाह लेना ज़रूरी है। देर करने से इलाज कठिन हो सकता है। (बच्चों की खाँसी का घरेलू इलाज क्या है?)

बच्चों की खाँसी का घरेलू इलाज क्या है?

बच्चों की खाँसी में खान-पान में क्या ध्यान रखें?

खाँसी के दौरान बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान देना बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि सही आहार से जल्द राहत मिल सकती है। सबसे पहले, बच्चे को गुनगुना पानी पिलाना चाहिए, जिससे गला साफ़ रहता है और सूजन कम होती है।

तला-भुना, मसालेदार या ठंडी चीज़ों से परहेज़ करें, क्योंकि ये खाँसी को और बढ़ा सकते हैं। भोजन हल्का, सुपाच्य और गर्म होना चाहिए

जैसे दाल का पानी, मूँग खिचड़ी या सब्ज़ी युक्त हल्का सूप। साथ ही, अदरक, तुलसी, काली मिर्च, हल्दी जैसी औषधीय चीज़ों को सीमित मात्रा में आहार में शामिल किया जा सकता है, ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।

अत्यधिक मीठी चीज़ों या डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से बचें। ध्यान रहे कि बच्चा पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेता रहे, जिससे शरीर हाइड्रेटेड रहे और संक्रमण जल्दी बाहर निकले। (बच्चों की खाँसी का घरेलू इलाज क्या है?)

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बच्चों को खाँसी से बचाने के लिए घरेलू प्रिवेंशन टिप्स

बच्चों को खाँसी से बचाना इलाज से बेहतर है, और इसके लिए कुछ आसान लेकिन प्रभावी घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं। सबसे पहले, मौसम के अनुसार कपड़े पहनाना बहुत ज़रूरी है, ताकि बच्चे का शरीर ठंडी या गर्म हवा से सुरक्षित रहे।

धूल, धुएं और प्रदूषण से बच्चों को दूर रखें, क्योंकि ये खाँसी और एलर्जी का मुख्य कारण बन सकते हैं। बच्चे का कमरा हवादार, साफ और बिना नमी के होना चाहिए, जिससे बैक्टीरिया और वायरस पनप न सकें।

उम्र के अनुसार, हल्दी वाला दूध या तुलसी वाली गुनगुनी चाय नियमित रूप से दी जा सकती है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।

इसके अलावा, हाथ धोने की आदत बच्चों को ज़रूर सिखाएँ, खासकर बाहर से आने या खाना खाने से पहले। ये छोटे-छोटे कदम बच्चों को बार-बार होने वाली खाँसी से बचा सकते हैं। (बच्चों की खाँसी का घरेलू इलाज क्या है?)

निष्कर्ष:

खाँसी कोई बड़ी बीमारी नहीं है लेकिन बच्चों में इसे नजरअंदाज़ करना ठीक नहीं। घरेलू उपाय न केवल सस्ते और सुरक्षित होते हैं बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।

यदि आप जानना चाहते हैं कि बच्चों की खाँसी का घरेलू इलाज क्या है?, तो ऊपर बताए गए उपाय आज़मा कर आप अपने बच्चे को जल्दी राहत दिला सकते हैं।

बच्चों की खाँसी का घरेलू इलाज क्या है? – FAQ

1. क्या शहद बच्चों की खाँसी में फायदेमंद है?

हाँ, लेकिन केवल 1 वर्ष से ऊपर के बच्चों के लिए।

2. खाँसी में कौन सी चीज़ें नहीं देनी चाहिए बच्चों को?

आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स, तले-भुने या तीखे खाद्य पदार्थ।

3. क्या काढ़ा छोटे बच्चों को दिया जा सकता है?

सिर्फ़ हल्का और मात्रा सीमित रखें; 6 महीने से कम उम्र में डॉक्टर की सलाह लें।

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