बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें? 8 असरदार घरेलू उपाय जो तुरंत राहत दें

बच्चों को बदलते मौसम में सर्दी लगना एक आम समस्या है, लेकिन हर बार दवा देना सही नहीं होता।

कई बार घरेलू उपाय ही शुरुआती लक्षणों को काबू में कर सकते हैं।

इस लेख में हम जानेंगे बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें, वो भी प्राकृतिक और सुरक्षित तरीकों से।

बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें

अदरक और तुलसी का काढ़ा (6 महीने से ऊपर के बच्चों के लिए)

बच्चों को सर्दी के दौरान गले में खराश और बंद नाक की समस्या होती है। ऐसे में अदरक और तुलसी का काढ़ा एक असरदार घरेलू उपाय है। दोनों ही प्राकृतिक रूप से एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और इम्यूनिटी बूस्टर होते हैं। यह काढ़ा सर्दी की शुरुआत में देने से बहुत राहत मिलती है।

बनाने की विधि:

  • 1 कप पानी
  • 2 से 3 तुलसी के पत्ते (अच्छी तरह धोकर)
  • 1/4 चम्मच अदरक का रस

इन सभी चीज़ों को एक छोटे पैन में डालें और 3 से 4 मिनट तक उबालें। फिर इसे छानकर हल्का गुनगुना होने पर बच्चे को 1 से 2 चम्मच मात्रा में दें।

ध्यान दें:

  • 6 महीने से छोटे बच्चों को न दें।
  • शुरुआत में कम मात्रा में दें और बच्चे की प्रतिक्रिया देखें।
  • दिन में एक बार पर्याप्त है। (बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें)

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बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें

सरसों के तेल में लहसुन और अजवाइन की मालिश

सर्दी के समय बच्चों के शरीर को गर्म रखना और छाती में जमा कफ को ढीला करना बहुत ज़रूरी होता है। ऐसे में सरसों के तेल में लहसुन और अजवाइन की मालिश एक बेहद कारगर घरेलू उपाय है। यह नुस्खा पीढ़ियों से आज़माया जाता रहा है और पूरी तरह प्राकृतिक है।

बनाने की विधि:

  • 2 टेबलस्पून सरसों का तेल
  • 2 से 3 लहसुन की कलियां (थोड़ी कूटी हुई)
  • 1/2 चम्मच अजवाइन

विधि:

एक छोटा पैन लें और उसमें सरसों का तेल गर्म करें। फिर उसमें लहसुन और अजवाइन डालकर 1–2 मिनट तक हल्की आंच पर पकाएं। जब लहसुन सुनहरा होने लगे और खुशबू आने लगे, तो गैस बंद करें।
तेल को थोड़ा ठंडा होने दें और फिर गुनगुना रहते हुए बच्चे की छाती, पीठ, तलवों और हथेलियों पर हल्के हाथ से मालिश करें।

ध्यान दें:

  • मालिश के बाद बच्चे को ठंडी हवा से बचाएं।
  • 6 महीने से छोटे बच्चों पर पहले पैच टेस्ट कर लें।
  • दिन में 1 बार रात को सोने से पहले करें।

फायदे:

  • छाती में जमा बलगम को ढीला करता है
  • शरीर को अंदर से गर्म रखता है
  • सर्दी और खांसी के लक्षणों को कम करता है (बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें)
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भाप देना (स्टीम इनहेलेशन)

जब बच्चे की नाक बंद हो या सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, तो भाप देना (Steam Inhalation) एक बेहद आसान और असरदार घरेलू उपाय है। यह बंद नाक को खोलता है, बलगम को ढीला करता है और बच्चे को तुरंत राहत देता है।

कैसे दें भाप:

छोटे बच्चों को सीधे भाप देना सुरक्षित नहीं होता, इसलिए एक सुरक्षित तरीका अपनाएं:

  1. बाथरूम का दरवाजा बंद करें।
  2. शॉवर या बाल्टी में गरम पानी चलाएं, जिससे बाथरूम में भाप भर जाए।
  3. बच्चे को 10 से 15 मिनट के लिए गोद में लेकर उस भाप भरे कमरे में बैठें।

यह पूरी प्रक्रिया दिन में एक या दो बार की जा सकती है — विशेषकर सोने से पहले।

सावधानियाँ:

  • बच्चे को कभी भी सीधे गर्म पानी या भाप के पास न रखें, जलने का खतरा हो सकता है।
  • इस प्रक्रिया के दौरान बच्चा आपके साथ ही रहे।
  • अगर बच्चा बहुत छोटा है (6 महीने से कम), तो डॉक्टर की सलाह से ही करें।

फायदे:

  • बंद नाक खोलने में मदद
  • बलगम पतला करता है
  • सर्दी से जल्दी राहत दिलाता है
  • नींद में सुधार करता है (बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें)
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हल्दी वाला दूध (1 साल से ऊपर)

हल्दी वाला दूध, जिसे अक्सर “गोल्डन मिल्क” भी कहा जाता है, एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और इम्यूनिटी बूस्टर है। बच्चों को सर्दी-जुकाम के दौरान रात को हल्दी वाला दूध देने से गले की खराश, खांसी और बंद नाक में राहत मिलती है।

कैसे बनाएं हल्दी वाला दूध:

  • 1 कप गर्म दूध (गाय का दूध या फॉर्मूला आधारित)
  • 1 चुटकी हल्दी (ऑर्गेनिक हल्दी हो तो बेहतर)
  • चाहें तो 1 से 2 बूंद शहद (1 साल से ऊपर के बच्चों के लिए ही)

विधि:

दूध को हल्का गर्म करें। फिर उसमें हल्दी मिलाएं और अच्छे से घोलें। शहद डालना हो तो दूध थोड़ा ठंडा होने पर डालें (गरम दूध में शहद डालना सुरक्षित नहीं)।

रात को सोने से पहले यह दूध देने से बच्चे की नींद भी अच्छी होती है और शरीर को गर्माहट मिलती है।

ध्यान दें:

  • 1 साल से छोटे बच्चों को शहद बिल्कुल न दें।
  • अगर बच्चा पहली बार हल्दी ले रहा है, तो बहुत थोड़ी मात्रा में दें और प्रतिक्रिया देखें।
  • लैक्टोज इन्टॉलरेंस वाले बच्चों को यह उपाय न दें।

फायदे:

  • सर्दी-जुकाम से प्राकृतिक राहत
  • इम्यून सिस्टम मजबूत बनाता है
  • गले की खराश कम करता है
  • बेहतर नींद में सहायक (बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें)
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नाक में सलाइन ड्रॉप्स डालें

बच्चों को सर्दी में सबसे ज़्यादा परेशानी बंद नाक की होती है, जिससे उन्हें दूध पीने और सोने में दिक्कत आती है। ऐसे में सलाइन नोज ड्रॉप्स (Saline Nasal Drops) एक सुरक्षित और डॉक्टर-प्रमाणित उपाय है।

सलाइन ड्रॉप्स क्या हैं?

यह सोडियम क्लोराइड (नमक-पानी का घोल) होता है जो नाक की अंदरूनी सतह को नम रखता है और जमी हुई रुकावट को ढीला करता है।

कैसे इस्तेमाल करें:

  1. बाज़ार में बच्चों के लिए विशेष इंफैंट सलाइन ड्रॉप्स उपलब्ध हैं।
  2. बच्चे को पीठ के बल लिटाकर सिर थोड़ा पीछे झुकाएं।
  3. प्रत्येक नथुने में 1 से 2 बूंद सलाइन ड्रॉप्स डालें।
  4. कुछ मिनट बाद बलगम बाहर निकालने के लिए नरम नोज क्लीनर (nasal aspirator) या कॉटन बॉल से हल्के से साफ करें।

सावधानियाँ:

  • हमेशा डॉक्टर से सलाह लेकर ही सलाइन ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।
  • खुद से कोई मेडिकेटेड (दवा वाले) ड्रॉप्स न दें।
  • दिन में 2 से 3 बार से अधिक प्रयोग न करें।

फायदे:

  • बंद नाक तुरंत खोलने में मदद
  • बच्चे की नींद और दूध पीने में सुधार
  • किसी भी दवा के साइड इफेक्ट से मुक्त
  • संक्रमण के जोखिम को कम करता है (बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें)
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बच्चे को ढकें, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा नहीं

सर्दी के मौसम में बहुत से माता-पिता यह सोचते हैं कि जितने ज़्यादा कपड़े पहनाएंगे, बच्चा उतना सुरक्षित रहेगा। लेकिन सच यह है कि बहुत अधिक कपड़े या कंबल ओढ़ाना उल्टा असर कर सकता है और बच्चे को ओवरहीटिंग या पसीने की वजह से और भी बीमार कर सकता है।

सही तरीके से बच्चे को कैसे ढकें:

  • सिर, पैर और सीना – ये तीन हिस्से ढंकना सबसे ज़रूरी हैं।
  • लेयरिंग करें – एक ही मोटे स्वेटर की जगह 2 से 3 हल्के कपड़े पहनाएं, जिससे ज़रूरत पड़ने पर उतारे जा सकें।
  • स्लीपिंग के समय – हल्की रजाई या स्वैडलिंग बैग इस्तेमाल करें। बहुत भारी कंबल से दम घुटने का खतरा हो सकता है।
  • फ्लोवर / हीटर का उपयोग करते समय हवा का सीधा संपर्क बच्चे पर न हो।

ध्यान रखें:

  • बच्चे की गर्दन या पीठ पर हाथ रखकर तापमान जांचें। अगर बहुत गर्म या पसीना आ रहा हो, तो कपड़े कम करें।
  • 6 महीने से छोटे शिशुओं को ज़्यादा ढकना और ढीले कपड़े पहनाना ख़तरनाक हो सकता है।

फायदे:

  • शरीर का तापमान संतुलित रहता है
  • संक्रमण और पसीने से होने वाली जलन से बचाव
  • नींद में कोई बाधा नहीं आती
  • बच्चा सर्दी में भी आरामदायक महसूस करता है (बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें)
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गर्म सूप और तरल चीज़ें दें

सर्दी के मौसम में बच्चे अक्सर कम पानी पीते हैं, जिससे शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है और बलगम जमने की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में गर्म तरल पदार्थ जैसे वेजिटेबल सूप, चिकन सूप या हल्का गुनगुना पानी बच्चे की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

क्या-क्या दे सकते हैं:

  • वेजिटेबल सूप: गाजर, टमाटर, लौकी, अदरक आदि का हल्का और नमक कम सूप
  • चिकन सूप: 1 साल से ऊपर के बच्चों के लिए प्रोटीन से भरपूर और कफ निकालने में सहायक
  • गुनगुना पानी: दिन में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दें, जिससे गला सूखा न रहे
  • दाल का पानी / चावल का माड़: हल्का और पचने में आसान, इम्यूनिटी बढ़ाने वाला

सावधानियाँ:

  • तरल चीज़ें हमेशा गुनगुनी ही दें, बहुत गर्म न हों
  • यदि बच्चा 6 महीने से छोटा है, तो सिर्फ माँ का दूध या फॉर्मूला मिल्क दें
  • नया सूप देने से पहले थोड़ा ट्रायल करें कि एलर्जी तो नहीं हो रही

फायदे:

  • शरीर को हाइड्रेटेड और गर्म रखता है
  • बलगम को पतला करता है और बाहर निकालने में मदद करता है
  • पाचन में सहायक
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है (बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें)
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पर्याप्त आराम और नींद दिलाएं

जब बच्चे को सर्दी-जुकाम हो, तो सबसे पहला और जरूरी इलाज है—अच्छा आराम और पर्याप्त नींद। आराम करते समय शरीर खुद को ठीक करने का काम करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती है।

बच्चे को आराम कैसे दें:

  • दिन में झपकी लेने दें और सोने के समय कोई रुकावट न हो
  • टेलीविजन, मोबाइल या तेज़ आवाज़ों से दूर रखें
  • बिस्तर साफ-सुथरा और आरामदायक हो
  • कमरे का तापमान हल्का गर्म और नमी वाला रखें

नींद क्यों ज़रूरी है?

  • शरीर की प्राकृतिक हीलिंग प्रोसेस नींद के दौरान सबसे ज़्यादा सक्रिय होती है
  • पर्याप्त नींद लेने से थकावट कम होती है और शरीर में ऊर्जा वापस आती है
  • नींद से बच्चे का मूड बेहतर रहता है और वह चिड़चिड़ा नहीं होता

ध्यान रखें:

  • दवाई या घरेलू नुस्खे देने के बाद बच्चे को आराम करने दें
  • नींद के समय बच्चे को ज़रूरत से ज़्यादा ढंकने या गर्म कपड़े पहनाने से बचें
  • रात को सोते समय नाक साफ, और सर्दी से सुरक्षा सुनिश्चित करें

फायदे:

  • जल्दी रिकवरी
  • बेहतर इम्यून रिस्पॉन्स
  • मानसिक और शारीरिक संतुलन
  • बच्चे का मूड और व्यवहार सकारात्मक रहता है (बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें)

निष्कर्ष:

बच्चों को सर्दी लगना एक आम लेकिन परेशान करने वाली स्थिति हो सकती है, खासकर छोटे बच्चों के लिए। लेकिन अगर आप समय रहते सुरक्षित घरेलू उपचार अपनाते हैं—जैसे अदरक-तुलसी का काढ़ा, स्टीम थेरेपी, या सरसों तेल की मालिश—तो दवाइयों की ज़रूरत शायद ही पड़े।

इन उपायों से बच्चे को बिना किसी साइड इफेक्ट के प्राकृतिक राहत मिलती है। लेकिन अगर:

  • सर्दी 3 से 4 दिन से ज़्यादा बनी रहे
  • बुखार 101°F से ऊपर चला जाए
  • या बच्चा बहुत कमजोर और सुस्त दिखे

तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। सही देखभाल, आराम, और पोषण से आपका बच्चा जल्दी स्वस्थ हो सकता है — और दवाओं की ज़रूरत भी कम पड़ती है।

बच्चों को सर्दी लगने पर क्या करें – FAQ

1. बच्चों को सर्दी होने पर सबसे पहले क्या करें?

सबसे पहले बच्चे को आराम दें, नाक साफ करें और शरीर का तापमान जांचें। घरेलू उपाय जैसे अदरक-तुलसी का काढ़ा (6 महीने से ऊपर), गुनगुना पानी, और स्टीम थेरेपी अपनाएं।

2. क्या छोटे बच्चों को भाप देना सुरक्षित है?

सीधे भाप देना छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है। इसके बजाय, बाथरूम में गर्म पानी चलाकर भाप वाला वातावरण बनाएं और बच्चे को वहां थोड़ी देर रखें।

3. क्या 6 महीने से छोटे बच्चे को काढ़ा दे सकते हैं?

नहीं, 6 महीने से छोटे बच्चों को केवल माँ का दूध या फार्मूला दूध ही देना चाहिए। किसी भी घरेलू उपाय से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

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