WHO की चेतावनी: इन 7 बीमारियों से इस मौसम में बढ़ सकता है खतरा – जानें बचाव के उपाय

हर साल बदलते मौसम के साथ कई नई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि इस साल विशेष रूप से मानसून और गर्मी के मौसम में कुछ बीमारियाँ तेज़ी से फैल सकती हैं।

यह लेख आपको इन संभावित बीमारियों, उनके लक्षण, कारण और बचाव के उपायों के बारे में पूरी जानकारी देगा ताकि आप और आपके परिवार की सेहत सुरक्षित रह सके।

WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां

WHO ने क्यों जारी की यह चेतावनी?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2025 की शुरुआत में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि मौसम परिवर्तन और जलवायु असंतुलन का सीधा असर मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे तापमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है और वर्षा का पैटर्न बदल रहा है, वैसे-वैसे वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। WHO ने चेताया है कि खासकर मानसून और गर्मी के महीनों में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियाँ जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया तेजी से फैल सकती हैं। इसके अलावा जलजनित रोग जैसे टाइफाइड और हेपेटाइटिस भी बढ़ सकते हैं। रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि जलवायु परिवर्तन के कारण वातावरण में नमी और तापमान की अनिश्चितता रोगजनक सूक्ष्मजीवों के लिए अनुकूल माहौल बनाती है। इसलिए WHO ने लोगों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है।

Read Also: टीकाकरण 2025: लेटेस्ट गाइड, नए नियम और ज़रूरी जानकारी

WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां

मानसून में बढ़ने वाली बीमारियाँ कौन-कौन सी हैं?

मानसून का मौसम जहाँ एक ओर राहत लाता है, वहीं दूसरी ओर यह कई बीमारियों का कारण भी बनता है। सबसे आम बीमारी है डेंगू, जो एडीज मच्छर के काटने से फैलती है। इसके लक्षणों में तेज़ बुखार, शरीर में दर्द और प्लेटलेट्स की संख्या में गिरावट शामिल है। मलेरिया भी इसी मौसम में तेजी से फैलता है, जो संक्रमित मादा एनोफिलीज़ मच्छर से फैलता है और इसके लक्षणों में ठंड लगकर बुखार आना प्रमुख है।

टाइफाइड गंदे पानी और संक्रमित भोजन से होता है, जिसके कारण लंबे समय तक बुखार, पेट दर्द और कमजोरी देखी जाती है। इसके अलावा, हेपेटाइटिस A और E जैसे वायरल संक्रमण भी मानसून में अधिक देखने को मिलते हैं, जो दूषित भोजन और पानी के कारण होते हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए स्वच्छता और साफ पीने के पानी पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। (WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां)

WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां

गर्मी में फैलने वाली बीमारियाँ और उनका कारण

गर्मी के मौसम में शरीर का तापमान नियंत्रण बिगड़ सकता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं जन्म लेती हैं। सबसे गंभीर समस्या होती है लू (Heat Stroke), जो अत्यधिक तापमान और लम्बे समय तक धूप में रहने से होती है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, चक्कर आना और कभी-कभी बेहोशी तक शामिल है।

डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी भी गर्मियों में आम है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में। पसीने के कारण नमक और मिनरल्स की कमी हो जाती है जिससे कमजोरी और थकावट महसूस होती है।

फूड पॉइजनिंग भी गर्मियों में बढ़ जाती है क्योंकि गर्म वातावरण में भोजन जल्दी खराब हो जाता है। इससे उल्टी, दस्त और पेट दर्द हो सकते हैं।

इसके साथ ही स्किन इंफेक्शन, घमौरियाँ और फंगल इंफेक्शन जैसे त्वचा रोग भी गर्मियों में ज्यादा होते हैं, खासकर जिन क्षेत्रों में पसीना अधिक आता है। (WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां)

WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां

बच्चों और बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरा क्यों?

बदलते मौसम में बच्चे और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि उनकी इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) अपेक्षाकृत कमजोर होती है। बच्चों में शरीर का तापमान जल्दी बढ़ता या गिरता है, जिससे उन्हें बुखार, उल्टी या डायरिया जैसी बीमारियाँ जल्दी जकड़ लेती हैं। गर्मी और मानसून में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियाँ जैसे डेंगू और मलेरिया बच्चों में तेज़ी से असर करती हैं।

बुजुर्गों को आमतौर पर पहले से कोई न कोई क्रॉनिक बीमारी (जैसे शुगर, बीपी या अस्थमा) होती है, जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है। उम्र बढ़ने के साथ शरीर का तापमान संतुलन बनाए रखना कठिन हो जाता है, जिससे लू और डिहाइड्रेशन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए इन दोनों आयु वर्गों को विशेष देखभाल, साफ-सफाई और संतुलित पोषण देना बहुत जरूरी है। (WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां)

WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां

बीमारियों के लक्षण जो नजरअंदाज न करें

मौसमी बीमारियाँ अक्सर सामान्य लक्षणों से शुरू होती हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। यदि शरीर में तेज़ बुखार बना रहता है, विशेषकर तीन दिनों से अधिक, तो यह डेंगू, मलेरिया या टाइफाइड का संकेत हो सकता है।

सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और आँखों के पीछे दबाव डेंगू जैसे वायरल संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। वहीं, लगातार उल्टी, दस्त या पेट दर्द फूड पॉइजनिंग या हेपेटाइटिस की ओर इशारा कर सकते हैं।

त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली या रैशेज़ भी शरीर में किसी संक्रमण की चेतावनी हो सकते हैं। यदि अत्यधिक थकावट और चक्कर जैसी समस्याएं बिना मेहनत के हो रही हों, तो यह डिहाइड्रेशन या लू का प्रारंभिक संकेत हो सकता है।

ऐसे किसी भी लक्षण को हल्के में लेने के बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है। (WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां)

WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां

बीमारी से बचाव के लिए जरूरी सावधानियाँ

मौसमी बीमारियों से बचने के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावी सावधानियाँ अपनाना बेहद जरूरी है। सबसे पहले, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें — अपने घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें, ताकि मच्छरों को पनपने का मौका न मिले।

पीने का पानी हमेशा उबालकर या फिल्टर कर पिएं, ताकि जलजनित रोगों से बचा जा सके। ताजे और गरम भोजन का सेवन करें और बाहर के खुले खाने से परहेज करें, क्योंकि गर्मियों में खाना जल्दी खराब हो जाता है।

मच्छरदानी, रिपेलेंट या फुल स्लीव्स कपड़े पहनना डेंगू और मलेरिया से सुरक्षा में मदद करता है।
इसके अलावा, दिन में कई बार पानी पिएं ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।

बच्चों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें और किसी भी लक्षण पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। जागरूक रहना ही सबसे बड़ा बचाव है। (WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां)

WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां

WHO द्वारा सुझाए गए हेल्थ गाइडलाइंस

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मौसम जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए कुछ महत्वपूर्ण हेल्थ गाइडलाइंस जारी की हैं, जिन्हें हर व्यक्ति को अपनाना चाहिए। सबसे पहले, WHO व्यक्तिगत साफ-सफाई यानी पर्सनल हाइजीन पर ज़ोर देता है—हाथ धोना, नाखून साफ रखना और नहाना बेहद ज़रूरी है।

साफ पीने का पानी और सुरक्षित भोजन के सेवन की सिफारिश की गई है ताकि जलजनित रोगों से बचा जा सके। वैक्सीनेशन की जांच और समय पर टीकाकरण करवाना भी जरूरी बताया गया है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।

भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने पर मास्क पहनना और सैनिटाइज़र का उपयोग करना संक्रमण से बचाने में सहायक है।
WHO यह भी कहता है कि यदि किसी व्यक्ति में लक्षण नजर आएं तो वह आइसोलेशन में रहे और तुरंत चिकित्सा सलाह ले।

इन दिशानिर्देशों का पालन करके आप अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। (WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां)

WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां

भारत सरकार और स्थानीय हेल्थ डिपार्टमेंट की तैयारी

मौसमी बीमारियों की संभावित लहर को देखते हुए भारत सरकार और विभिन्न राज्य स्वास्थ्य विभाग पहले से ही सतर्क हो गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई है जिसमें मच्छर जनित और जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा गया है।

स्थानीय स्वास्थ्य विभाग नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविर, डेंगू-फॉगिंग अभियान, और नि:शुल्क जांच केंद्र चला रहे हैं ताकि लोग समय रहते अपनी जांच करवा सकें। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) को निर्देश दिए गए हैं कि वे दवाओं, IV फ्लूड और जरूरी टेस्ट किट्स का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखें।

इसके अलावा, स्कूलों, पंचायतों और शहरी निकायों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि लोग लक्षणों को समय पर पहचानें और सही इलाज ले सकें। यह सरकारी प्रयास बीमारियों को फैलने से रोकने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। (WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां)

निष्कर्ष:

इस बदलते मौसम में बीमारियों का खतरा बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन समय रहते जरूरी सावधानी और जागरूकता हमें और हमारे परिवार को सुरक्षित रख सकती है। WHO की चेतावनी को हल्के में न लें और बताई गई गाइडलाइंस को अपनाकर एक हेल्दी मॉनसून और समर सीजन का आनंद लें।

WHO ने चेताया – इस मौसम में हो सकती है ये बीमारियां – FAQ

1. क्या WHO की रिपोर्ट भारत पर भी लागू होती है?

हाँ, WHO की रिपोर्ट ग्लोबल होती है, लेकिन इसमें भारत जैसे ट्रॉपिकल देशों के लिए विशेष चेतावनी होती है।

2. बच्चों को इन बीमारियों से कैसे बचाया जा सकता है?

बच्चों को मच्छरों से बचाना, साफ पानी पिलाना और सही खानपान देना आवश्यक है।

3. क्या ये बीमारियाँ वैक्सीन से रोकी जा सकती हैं?

कुछ बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस A, टाइफाइड आदि के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।

Leave a Comment