WHO ने बदली डायबिटीज की गाइडलाइन अब ये चीज़ें खाना मना है! 2025 की पूरी लिस्ट हिंदी में

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2025 में डायबिटीज को लेकर अपनी नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें डायबिटीज कंट्रोल करने, रोकने और मरीजों की जीवनशैली बेहतर बनाने के लिए कई बड़े बदलाव किए गए हैं।

यह गाइडलाइन उन करोड़ों भारतीयों के लिए बेहद जरूरी है जो डायबिटीज से पीड़ित हैं या जोखिम में हैं। आइए विस्तार से जानते हैं WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन के प्रमुख बिंदु।

WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में

डायबिटीज की स्थिति भारत और विश्व में

भारत को अक्सर “डायबिटीज की राजधानी” कहा जाता है क्योंकि यहां हर वर्ष 80 मिलियन से अधिक लोग डायबिटीज से ग्रसित पाए जाते हैं। WHO की रिपोर्ट बताती है कि शारीरिक निष्क्रियता, असंतुलित खानपान, और तनाव डायबिटीज बढ़ने के मुख्य कारण हैं। दुनियाभर में भी डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं,

खासकर 30 से 60 आयु वर्ग में। शुगर लेवल नियंत्रित न करना हृदय रोग, किडनी फेलियर और आंखों की रोशनी पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। डायबिटीज अब सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि गंभीर जीवनशैली विकार बन चुका है। जागरूकता और समय पर जाँच बेहद ज़रूरी है।

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WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में

WHO की नई गाइडलाइन 2025 में क्या बदला गया?

WHO ने 2025 की डायबिटीज गाइडलाइन में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनका उद्देश्य बीमारी को नियंत्रित करने के बजाय समय रहते रोकना है। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब शर्करा (चीनी) के सेवन की सीमा और भी कम कर दी गई है। WHO ने सलाह दी है कि प्रोसेस्ड फूड, पैकेज्ड फ्रूट जूस, बेकरी प्रोडक्ट्स और मीठे पेयों से पूरी तरह बचा जाए।

इसके अलावा, हर व्यक्ति के लिए रोजाना कम से कम 150 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी (जैसे तेज वॉकिंग, योग, साइकलिंग) आवश्यक मानी गई है। गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि केवल दवा पर निर्भर न रहें, बल्कि जीवनशैली में सुधार, तनाव प्रबंधन और नियमित जांच पर भी ध्यान दें।

इस बार WHO का फोकस इलाज से ज्यादा रोग की रोकथाम (prevention) पर है, जो इस गाइडलाइन को पहले से अधिक प्रभावशाली बनाता है। (WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में)

WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में

क्या खाएं डायबिटीज में नई सिफारिशें

WHO की 2025 नई डायबिटीज गाइडलाइन के अनुसार, सही खानपान से ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना संभव है। साबुत अनाज जैसे ओट्स, जौ और ब्राउन राइस को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए क्योंकि इनमें फाइबर अधिक होता है और यह धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे शुगर स्पाइक नहीं होता।

हाई-फाइबर सब्जियां जैसे पालक, गाजर, लौकी, टिंडा और करेला ब्लड शुगर को नियंत्रित करें। दालें, राजमा, चना और कम फैट वाला दूध प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं और शुगर को संतुलित करने में कारगर हैं।

Besides that, बादाम, अखरोट, चिया सीड्स के जैसे मेवे कम मात्रा में (नमक के बिना) लेने की सलाह दी गई है। खाना बार-बार कम मात्रा में लें और ताजा, घर पर बनाए हुए भोजन को प्राथमिकता दें। बैलेंस डाइट ही डायबिटीज कंट्रोल की कुंजी है। (WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में)

WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में

डायबिटीज में क्या नहीं खाना चाहिए WHO की चेतावनी

WHO की गाइडलाइन 2025 में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि डायबिटीज रोगियों को प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड से पूरी तरह सावधानी बरतनी चाहिए। इसमें बिस्किट, नमकीन, चिप्स और इंस्टैंट स्नैक्स आते हैं, जिनमें हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ट्रांस फैट होता है।

सफेद चावल, मैदा, सफेद ब्रेड आदि चीज़ें जल्दी पचती हैं और ब्लड शुगर को जल्दी बढ़ाती हैं, इसलिए इन्हें डाइट से हटाना आवश्यक है। WHO ने विशेष रूप से शक्कर वाले पेय पदार्थ, जैसे कोल्ड ड्रिंक, पैकेज्ड फ्रूट जूस और मिठाइयां पूरी तरह बंद करने की सिफारिश की है।

इसके साथ ही, अधिक नमक और फ्राइड फूड्स (जैसे समोसे, पकोड़े) हृदय और किडनी को हानि पहुंचा सकते हैं। डायबिटीज को काबू में रखना है तो इन चीज़ों से दूरी बनाना आवश्यक है। (WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में)

WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में

जीवनशैली में सुधार WHO की गाइडलाइन के अनुसार

WHO की नए डायबिटीज गाइडलाइन 2025 के अनुसार, दवाओं पर ही निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है, जीवनशैली में सुधार भी इलाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। दिनभर कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जैसे तीव्र वॉक, योग, साइक्लिंग या हल्का व्यायाम अनिवार्य माना गया है। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है और वजन भी संतुलित रहता है।

WHO सलाह करता है कि प्रतिदिन 7 से 8 घंटे अच्छी नींद लेना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि नींद की कमी से इंसुलिन रेज़िस्टेंस बढ़ता है। तनाव प्रबंधन के लिए योग, ध्यान (मेडिटेशन) और गहरी सांस लेने की तकनीकों को अपनाने की सलाह दी गई है।

इसके साथ ही, स्क्रीन टाइम को कम करना और घर-ऑफिस में शारीरिक सक्रियता को बढ़ाना भी आवश्यक है। इन परिवर्तनों को अपनाकर डायबिटीज के खतरे को अच्छी तरह से कम किया जा सकता है। (WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में)

WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में

दवा और मॉनिटरिंग नई गाइडलाइन में क्या कहा गया?

WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन 2025 में नियमित मॉनिटरिंग और सही दवा प्रबंधन को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया गया है। डायबिटिक मरीजों को सलाह दी गई है कि वे रोजाना ब्लड शुगर लेवल की जांच करें, खासकर भोजन के पहले और बाद में।

गाइडलाइन स्पष्ट रूप से कहती है कि बिना डॉक्टर की सलाह के कभी भी दवा की मात्रा न घटाएं और न ही बदलें। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है और शुगर लेवल अनियंत्रित हो सकता है।

WHO अब केवल एलोपैथिक दवाओं पर निर्भर न रहकर, नैचुरल थैरेपी और जीवनशैली सुधार के संतुलित संयोजन को प्राथमिकता दे रहा है। आयुर्वेदिक या घरेलू उपचारों को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की राय लेना जरूरी है।

दवा और मॉनिटरिंग का सही तालमेल ही ब्लड शुगर कंट्रोल में रखने और जटिलताओं से बचने का सबसे कारगर तरीका है। (WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में)

WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में

डायबिटीज की रोकथाम के लिए WHO की जन-जागरूकता पहल

WHO ने डायबिटीज जैसी लाइफस्टाइल बीमारी की रोकथाम के लिए 2025 में कई जन-जागरूकता अभियान शुरू किए हैं। इनमें सबसे प्रमुख है “Eat Smart, Move More” कैंपेन, जिसका मकसद है लोगों को संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के महत्व के बारे में जागरूक करना।

इसके अलावा WHO ने स्कूलों और कार्यस्थलों पर डायबिटीज स्क्रीनिंग प्रोग्राम को बढ़ावा दिया है, जिससे बीमारी का शुरुआती चरण में पता चल सके और समय रहते इलाज शुरू हो सके। यह कदम युवाओं और वर्किंग क्लास में डायबिटीज के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

WHO अब स्थानीय भाषाओं में भी हेल्थ अवेयरनेस अभियान चला रहा है ताकि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी जागरूक हो सकें। सही जानकारी और समय पर कदम ही डायबिटीज को रोकने का सबसे प्रभावी उपाय है। (WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में)

निष्कर्ष:

WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन 2025 केवल डायबिटीज मरीजों के लिए नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए चेतावनी है जो असंतुलित जीवनशैली जी रहा है। बढ़ती हुई शुगर की समस्या को रोकने का एकमात्र तरीका है — समय रहते बदलाव करना

नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल से न केवल डायबिटीज को रोका जा सकता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। अगर हम अभी सतर्क नहीं हुए, तो भविष्य में यह बीमारी और भी खतरनाक रूप ले सकती है।

WHO की नई डायबिटीज गाइडलाइन हिंदी में – FAQ

1. WHO की नई गाइडलाइन कब लागू हुई?

यह गाइडलाइन आधिकारिक रूप से 2025 की शुरुआत में WHO द्वारा जारी की गई है।

2. क्या यह गाइडलाइन भारत में भी लागू होती है?

हां, यह गाइडलाइन वैश्विक है और भारत जैसे देशों के लिए भी अनुशंसित है।

3. क्या डायबिटीज में फल खाना सही है?

कुछ फल जैसे सेब, अमरूद, बेरीज़ सीमित मात्रा में खाए जा सकते हैं। केला और अंगूर से परहेज करें।

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